आज फ़िर एक बार हम साथ मे है।
मैं,तन्हाई और तुम्हारी यादें। हाँ उसी पहाड़ी के एक छोर पर जहाँ से रात मे देखने पर पूरा शहर टिमटिमाते जुग्नूओ के झुँड सा दिखता है, जहाँ से पूनमः का चाँद आशमा के चहरे पर लगी, गोल बिंदी सा लगता है। वैसी ही "एक नंग" वाली बिंदी,जैसी तुम्हारे माथे पर होती थी। कॉलेज के दिनों मे, "लेकिन आज चाँद की गेर मौजूदगी मे आसमान को सेकड़ो तारों ने सजाया है। घनी-काली अँधेरी रात मे, तारो की येचादर दूर तक फ़ेली है।
धीमी-धीमी चल रही ठंडी हवाओ से होने वाली पत्तो की सर-सराहट ने मुझे कुछ याद दिलाया है।
मैं उसी सफ़ेद फूलों वाले पेड़ के नीचे आ खड़ा हुआ हु जिस पेड़ के नीचे न जाने कितनी बार हमने सूरज को एक साथ डूबते देखा था और ना जाने कितनी बार सूरज की पहली किरणों ने, इन सफ़ेद फूलो पर रात भर गिरी ओंस की बूँदों को हमारे सामने छुआ था। "मेरी ऊँगलियों ने पेड़ की दरख पर लिखे,मेरे नाम के बाद तुम्हारे नाम
को छुआ है
लगा है। जैसे मेरी ऊँगलियों ने, मुश्कुराहट से तुम्हारे गालो पर बनने वाले डिंपल को महसूस किया हो और इन सफ़ेद फूलों की ख़ुश्बू एक बार फिर साँसों मे सुक़ून बनन कर घुल-सी गयी है।ये वही ख़ुश्बू है जो
मुझे हमेसा मुझे तुम्हारे नज़दीक होने का एहसास दिलाती है।
सबसे ऊची पहाड़ी के इस छोर पर ये इकलौता पेड़ है जहाँ से पूरा शहर एक नज़र मे दिखाई देता है। यहाँ से देखने पर एक भरहम् दूर होता हैं या यूँ कहु के एक भरहम् की शुरुआत होती है। मुझे चलो ठीक है! मैँ इस बात को बदलता हु। मालुम है मुझे ! के मेरी ऐसी बाते तुम्हे बिलकुल पसन्द नही।
लेकिन तुमने मुझे कभी बताया ही नही के ये जगहा तुम्हारी फ़ेवरेट क्यों है। मैंने अपनी घड़ी मे वक़्त देखा है। बारहे बजने मे दस मिनट बाकी है अभी, बैग की बीच वाली चैन खोल कर उसके भीतर से एक पेपर बॉक्स बहार निकाला है।
सोचों क्या है इसके भीतर!
चलो तुम्हे ज्यदा परेसान नही करता। बॉक्स खोल कर ही दिखा देता हु।
पसंद आया ? तुम्हारे फ़ेवरेट चॉक्लेट माफिन्स।
अरे रुको!
मैंने बैग की साइड वाली जेब से बर्थडे कैंडिल का बॉक्स निकाल कर तुम्हारे फ़ेवरेट रेड कलर की कैंडिल,
एक मफिन पर लगा दी है। मोमबत्ती को जलाने के लिए मैं अपना लाइटर ढूंढ़ रहा हु।वो मुझे मेरी जेकेट
की भीतर वाली जेब मे मिला है।
सही थी तुम, जल्ती लाल रंग की मोमबत्ती बेहद ख़ूबसूरत लगती है।
उस बार की तरह ही,आज भी कैमरे मे क़ैद कर ली है ये तश्वीर मैंने।
चलो! अब मोमबत्ती को धीरे-से बुझाओ।
एक बार फिर तुम्हारी इस छुअन से मेरे रोंगटे खड़े हो गऐ है और एक सरसराहट सी पुरे बदन मे दौड गयी
है।
अब बस भी करो! मेरे बालो से खेलना, तुम्हरी ये आदत कभी नही सुधरेगी।
सुनो! तुम्हें कुछ बताना था। एक बहोत ही ब्यूटीफुल बर्थडे गिफ़्ट लेकर आया हु तुम्हारे लिए। रुको
ज़रा,अभी दिखता हूँ।
यही बैग की ऊपर वाली जेब मे ही तो रखा था।
मिल गया! ये देखो।
"राशिका" की पहली ड्राइंग है।
पसन्द आया। हाँ! तुम्हारी बेटी ने ही बनाया है। सॉरी! हमारी बेटी ने,अपने नन्ने-नन्ने से हाथो से। ड्राइंग मे एक बच्ची है। जो एक व्यक्ति का हाथ थामे अपने घर की ओर जा रही है।बच्ची के हाथ में एक डॉल है और व्यक्ति के कांधे पर एक छोटा सा स्कूल-बैग है। व्यक्ति के सर से होते हुवे एक तीर का चिन्ह हैं। जो एक शब्द पर जाकर रुक जाता है। इंग्लिस मे लिखा वो शब्द "Daddy" है।
वही छोटी बच्ची के बाएँ हाथ के नीचे लिखा है।
"Rashika"
इस ड्राइंग मे सबसे ज्यदा अपनी ओर ध्यान खीचने वाली जो चीज़ हैं। वो है, आसमान मे बनना वो
एकलौता "STAR" है। जिससे हो कर जाने वाला तीर का चिन्ह उस शब्द पर जाकर रूकती है। जो इस दुनिया का सबसे पवित्र शब्द है।
"Mom (माँ)"
और घर की पीछे वाली दीवार से सटा कर एक पेड़ भी बनाया है। सफ़ेद फूलो वाला पेड़, "राशिका" को भी तुम्हारी तरह, ये सफ़ेद फ़ूल बहोत पसन्द है। वाणी! जानती हो! जिस दिन पहली बार मैं राशिका के लिए बाज़ार से कलर पेन्सिल् लेकर आया, तो वो इतनी ख़ुश हुई,मानो! जैसे सूरज की पहली किरण को देख कर नन्ही-सी चिड़ियाओं का झुण्ड चहचहाउठता है और उस दिन से आज तक,हर सप्ताह एक नया पेन्सिल् बॉक्स लता हु उसके लिए! कभी वो खुद याद दिला के मंगवा लेती है मुझसे कभी मे खुद से ही ले आता हु। देखो अब इस बात को सुन्न कर तुम ये नही कहोगी के मैंने उष्को अभी से ही सर पर चढ़ाना शुरू कर दिया है। मै बस अपनी बेटी को खुश देखना चाहता हु। अगर तुम साथ होती तो शयद तुम अपने तरीके से उसको पालती। राशिका! को अच्छे संस्कार दे पाती। उसके मन मे उठने वाली सवालो की लेहरो को अपने जवाबो से शांत कर पाती।क्यों की एक स्त्री ही स्त्री के मनन की बात को सही ढंग से जान शक्ति है।
पुरुष जात के लिए यह बहुत कठिन कार्य है या ये कहु के एकलौता नामुमकिन कार्य है।मैं भी तुम्हारे मन की बात कहाँ जान पाया। डॉ. स्वेता ने तुम्हारी मेडिकल रिपोर्ट को देख कर, तुम्हारी शारिरिक कमज़ोरी के बारे मे बताया था। लेकिन फिर भी तुमने हमारी बेटी को जन्म देने का फैशला किया। और अपनी मेडिकल रिपोर्ट का सच्च मुझसे छुपा के रखा।
TO BE CONTINUE...
No comments:
Post a Comment